नाक-कान-गला एवं मुहं के कैंसर रोगों के प्रति जागरूकता सम्बंधित जानकारियाँ

Dr. Rajeev Gupta
M.B.B.S, M.S, D.N.B, M.N.A.M.S, F.I.S.O
आज के दौर में जीवन तेज़ी से बदलता जा रहा है | कभी-कभी इसी तेज़ी में हम कुछ लक्षणों को नज़रअंदाज कर देते है जो हो सकता है की बीमारी की शुवाती लक्षण हो सकते है | इसी सम्बन्ध में, नाक कान गला व मुहं सम्बंधित रोगों की कुछ जानकारियां |
नाक सम्बंधित बीमारियाँ व लक्षण
- एलर्जी (नाक से पानी बहना, लगातार छीक आना)
यह एक प्रमुख समस्या है जो की सामान्य है और जीवन शैली को प्रमुख रूप से प्रभावित करती है | कुछ सामान्य जांच (CT-PNS & HOOD TEST) की सहायता से पता लगाकर , प्रारंभिक लक्षणों के मेडिकल तथा कभी कभी यह मस्सों के रूप में आ जाती है तो सर्जिकल TLT TLT करके इसको ख़त्म कर सकते है | - लगातार सर दर्द बने रहना , नाक से सांस लेने में दिक्कत आना , नाक की हड्डी के टेड़े होने की वजह (DNS) से हो सकता है , तथा यह एक छोटे से दूरबीन द्वारा सर्जरी से ठीक किया जा सकता है
कान सम्बंधित बीमारियाँ व लक्षण
- कान में दर्द, मवाद आना, कान के पर्दे के छेद होने की वजह से हो सकता है , तथा इस बीमारी में मरीज को पानी से बचाव करना चाहिए तथा सामान्य सर्जरी से इसे ठीक किया जा सकता है |
- कान में सुनाई कम देना व सीस बजना : यह किसी कान के पर्दे की बीमारी की वजह से हो सकता है | इसको कुछ दवाई या सर्जरी द्वारा व कान की मशीन लगाकर सुधार जा सकता है |
- चक्कर आना: यह भी कान की कमजोरी क इवाजः से हो सकता है तथा यह चक्कर मुख्य रूप से position change की वजह से होता है | यह मुख्यतः दवाई द्वारा व vertibular rehab exercise द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है |
- कान में दर्द होना : या मुख्यतः कान में पर्दे का इन्फेक्शन तथा फुंसी की वजह से होता है | यह मुख्यतः DM2 Chronic Illness के कारण होता है, तथा दवाइयों द्वारा हटा दिया जा सकता है |
गलें सम्बंधित बीमारियाँ व लक्षण
- टॉन्सिल्स : यह प्रमुख रूप से बच्चों व कुछ केस में बड़ों को भी प्रभावित करता है तथा खान पान सम्बंधित एवं मौसम बदलने पर ज्यादा होता है | यह दवाई द्वारा तथा सुर्जेरी द्वारा नियंत्रित होता है |
- आवाज बदलना : वैसे तो मोसमी बिमारियों के सामान्य इन्फेक्शन से आवाज बदल जाती है | जिससे दूरबीन द्वारा जांच करके दवाई/शल्यक्रिया द्वरा ठीक किया जा सकता है |
- थाईराइड की गठान भी महिलाओं में ज्यादा व पुरुषों में कम पायी जाती है | थाईराइड अनियंत्रित होने पर दवाई द्वारा ठीक किया जा सकता है | कभी कभी गठान बनने पर (goitre) का ऑपरेशन करके ठीक किया जा सकता है|
मुहं के कैंसर सम्बंधित बीमारियाँ व लक्षण
- जीभ, मुह के घांव (अल्सर)का 3 सप्ताह से ज्यादा रहना |
- साल-सफ़ेद रंग की चमड़ी का मुहं में हो जाना |
- मुहं का नहीं खुलना
- आवाज़ में बदलाव होना |
जिन लोगों को तम्बाखू सम्बंधित उत्पाद (गुटखा/पान मसाला) सेवन की आदत हो वह इन लक्षणों के दिखाई देने पर तुरंत चिकित्सीय परामर्श लेवें
कैंसर से बचने के उपाय
- धुम्रपान से तौबा
- रेडमीट को ना खाए
- फॅमिली हिस्ट्री का पता करें तथा ज्यादा सावधानी रखें
- रोज सुबह समय पर वर्जिश करें
- शराब को ना कहें
- वेट मैनेजमेंट करें